नमस्कार किसान भाइयों इस बार सारी सब्जियां छोड़कर बस 31 मई से पहले पहले अपने खेतों में करें इन पांच बरसातीय सब्जियों की आगे खेती आने वाले बरसात के दिनों में इतना बंपर मुनाफा होगा वो लोग यार पहले क्यों नहीं बताया अब वो पांच बरसातीय सब्जियां कौन सी हैं उन्हें किस विधि से लगाना है खासकर कौन सी वैरायटी के साथ लगाना है इसके बारे में कम समय में बेहतरीन जानकारी के लिए इस BLOG को पूरा देखें और हां BLOG की जानकारी अगर आप लोगों को अच्छी लगती है तो अपने साथ के जरूरतमंद किसान भाइयों के साथ इस BLOG को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। किसान भाई
आप लोग जरूर यह सोचें |
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किसान भाई महीना चाहे जो भी हो, मौसम चाहे जो भी हो, हर मौसम में एक नहीं बल्कि तरह-तरह की सब्जीवर्गीय फसलों की बिजाई की जाती है। और यह चीजें आप लोग भी अच्छी तरीके से समझ सकते हैं कि सभी सब्जीवर्गीय फसलें हर मौसम में ना तो बेहतर उत्पादन देती हैं और जो उत्पादन देती हैं ना तो उनके उत्पादन का हर मौसम में अच्छा मंडी भाव देखने को मिलता है। इसीलिए जब भी आप लोग किसी भी मौसम में किसी भी सब्ज़ी वर्गीय फसलों की बिजाई करने के बारे में सोचें तो उसके बारे में एक बार आप लोग जरूर यह सोचें कि इससे हमें कितने समय तक उत्पादन मिलेगा। इसके उत्पादन का कैसा मंडी भाव मिलता है और इसकी खेती करना कितना कठिन और आसान है। इसीलिए हम आप लोगों के लिए पांच ऐसी चुनिंदा सब्जी वर्गी फसलें लाए हैं जिनमें आप कम लागत लगाकर भी अच्छा खासा प्रॉफिट निकाल सकते हैं। उनमें से पहले नंबर पर है करेला की खेती। तो किसान साथियों अगर आप लोग अभी से लेकर 31 मई से पहले पहले अपने खेतों में जो है बरसाती करेला की अगेती बुवाई करते हैं तो बुवाई करने के जो है 60 से 70 दिन के अंदर-अंदर अलग-अलग वैरायटी के हिसाब से करेला की फसल से पहली हार्वेस्टिंग देखने को मिलेगी। उस समय आप |
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करेला की फसल |
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उस समय आप लोगों को अपनी करेला की फसल से एक बेहतर उत्पादन तो देखने को मिलेगा ही मिलेगा। साथ ही साथ उस उत्पादन का इतना बेहतर मंडी भाव देखने को मिलेगा जिससे आप लोग कम क्षेत्रफल वाले खेत में भी करेला की खेती करके बहुत ही अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। अब इतना अधिक मुनाफा कैसे कमा सकते हैं? आइए वह समझते हैं। मानकर चलिए कि जो फार्मर भाई हमारा जो है फरवरी, मार्च या जनवरी महीने में करेला की फसल लगाए हुए हैं। वह मई जून महीना आते-आते जो है फसल समाप्ति की तरफ रहती है। ज्यादातर गर्मी के मौसम में लोग समतलरियों में खेती करते हैं। जैसा कि आप लोग हमारे पीछे देख सकते हैं। यहां पे लौकी की फसल लगाई गई थी जनवरी महीने में। अब यह लगभग-लगभग समाप्ति की तरफ है। वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर फार्मर भाई बरसाती करेले की बुवाई जो है जून व जुलाई महीने में करते हैं। ऐसे में अगर आप लोग मई में बुवाई करते हैं तो जब तक वह बुवाई करेंगे या जब तक उनका पौधा थोड़ा सा बड़ा होगा उस समय ही आप लोगों को अपनी करेला की फसल से हार्वेस्टिंग निकलना शुरू हो जाएगी। इस कारण आप लोग जो है करेला की फसल से बहुत ही अच्छा खासा मुनाफा कमा पाएंगे। |
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करेला की खेती कैसे करना चाहिए |
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अब सवाल यह आता है कि बरसात के सीजन में हमें करेला की खेती कैसे करना चाहिए और किस खेत में करना चाहिए? तो देखिए अगर आप लोग बरसाती करेला की खेती चाहे मई चाहे जून महीने में करने जा रहे हैं तो आप लोगों को एक ऐसे खेत का सिलेक्शन करना है जिस खेत में जो है जल भराव की स्थिति बिल्कुल भी ना बनती हो बारिश होने के बावजूद भी तो आप लोगों को ऐसे खेत का सिलेक्शन कर लेना है और अपनी सुविधा अनुसार लाइन से लाइन की दूरी आप लोगों को जो है 5 से 7 फीट के अंदर-अंदर रखना है। अपनी आवश्यकताओं के अनुसार जैसे अगर आपके पास पावर टिलर है जुताई के लिए तो आप लोग जो है 5 से 6 फीट की दूरी पर लाइन कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर आपके पास पावर टिलर नहीं आप ट्रैक्टर से जुताई करेंगे तो आप लोग जो है 6 से 7 फीट पर कर सकते हैं क्योंकि बुवाई करने के बाद जब खेत में खरपतवार हो जाते हैं तो एक से दो बार जो है ट्रैक्टर से जुताई करनी पड़ती है और आप लोगों को बीज से बीज की दूरी जो है 1 फीट 1 1/2 फीट पे कर देना है और आप लोगों को जो है मचान की तैयारी के साथ करना है। पहले आप लोग जो है मेड़ बनाकर उसकी बिजाई कर दीजिए। पौधा जैसे ही थोड़ा सा बड़ा होता है |
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फसलों में खरपतवार |
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उसे आप लोग मचान पे चढ़ाइए और एक बार जब मचान पे चढ़ाने के बाद जो है ट्रैक्टर से बीच में जुताई कर दें। ऐसे फसलों में खरपतवार की समस्या भी नहीं होगी और आप लोग अच्छा उत्पादन ले पाएंगे। उन्नत किस्मों की बात करें किसान साथियों तो आप लोग अपने एरिया के प्रचलित हाइब्रिड किस्मों का चुनाव करें क्योंकि देसी किस्मों की अपेक्षा हाइब्रिड किस्में ज्यादा उत्पादनशील होती हैं और उनमें रोग बीमारी की जो समस्याएं हैं वो भी बहुत ही कम देखने को मिलती है। लेकिन जब आप वैरायटी का सिलेक्शन करें तो आप लोग इस चीज का विशेष ध्यान रखें कि आपके एरिया में कौन से साइज की करेला की बिक्री ज्यादातर होती है। एक छोटे साइज का करेला होता है। एक लंबे साइज का करेला होता है। तो आप लोग कुछ इस तरीके से अपने एरिया की आवश्यकता अनुसार जो है बीज का सिलेक्शन कर सकते हैं। लेकिन सिलेक्शन करते समय एक विशेष बात का और ध्यान रखना है कि ऐसी वैरायटी का सिलेक्शन करिए जिनमें लीफ कर्ल वायरस की समस्या बिल्कुल ना आती हो। एलोमोजक वायरस रोग की समस्या बिल्कुल भी देखने को ना मिलती हो। क्योंकि यह करेला की फसल में सबसे घातक रोग है। अगर आप लोग कुछ इस तरीके से बचाव करते हुए इस बार अगेती करेला की बुवाई करते हैं तो आने वाले समय में आप लोग बहुत ही अच्छा खासा मुनाफा कमा पाएंगे। अन्य किसान भाइयों की अपेक्षा। दूसरी जो सब्जी है वो है चिचिन्हा। तो किसान साथियों अगर आप लोग 20 मई से लेकर 31 मई से पहले पहले अपने खेतों में जो है चिचिन्हा की बुवाई करते हैं तो आने वाले 65 से 70 दिन के अंदर-अंदर आप लोगों को अपनी चिंढा की फसल से पहली हार्वेस्टिंग देखने को मिलेगी। उस समय आप लोगों को अपनी चिं्हा की फसल से एक बेहतर उत्पादन तो देखने को मिलेगा मिलेगा। साथ ही साथ उस उत्पादन का इतना बेहतर मंडी भाव |
निसकर्ष
जिससे आप लोग कम क्षेत्रफल वाले खेत में भी चिंढा की बुवाई करके अन्य फसलों की अपेक्षा अन्य किसान भाइयों की अपेक्षा बहुत ही अच्छा खासा मुनाफा कमा पाएंगे। उसका एक ही कारण है क्योंकि यह एक सीजनी सब्जी वर्गी फसल है। इसे ना तो सर्दी में उगाया जा सकता है ना तो गर्मी में उगाया जा सकता है। यही कारण है कि यह सब्जी जब मार्केट में आती है तो उपभोक्ताओं द्वारा काफी ज्यादा पसंद किया जाता है और इसे बड़े चाव से लोग खाते हैं क्योंकि यह एक सीजनी सब्जी वर्गीय फसली है।
1. भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली सब्जी कौन सी है?
a) टमाटर
b) आलू
c) मटर
d) गाजर
उत्तर: b) आलू
2. “हाइड्रोपोनिक्स” खेती क्या है?
a) मिट्टी में उगाई जाने वाली सब्जियाँ
b) जल में उगाई जाने वाली सब्जियाँ
c) जैविक खेती की तकनीक
d) मिट्टी में बिनाअवश्यक पोषक तत्वों के साथ उगाई जाने वाली सब्जियाँ
उत्तर: b) जल में उगाई जाने वाली सब्जियाँ
3. “मल्चिंग” तकनीक का क्या लाभ है?
a) मिट्टी की नमी बनाए रखना
b) कीटों से बचाव
c) पौधों को अधिक पोषक तत्व देना
d) उपज की गुणवत्ता बढ़ाना
उत्तर: a) मिट्टी की नमी बनाए रखना
4. किस तकनीक से पानी की अधिक बचत के साथ सब्जियों की खेती की जाती है?
a) ड्रिप इरिगेशन
b) वर्षा जल संचयन
c) बाढ़ सिंचाई
d) टॉप ड्रेसिंग
उत्तर: a) ड्रिप इरिगेशन
5. कौन सी सब्जी खेती में “रोटेशन” तकनीक का उपयोग किया जाता है?
a) आलू
b) बैंगन
c) टमाटर
d) सभी उपर्युक्त
उत्तर: d) सभी उपर्युक्त