इस वक्त दुनिया में इससे बड़ी कोई खबर नहीं हो सकती दोस्तों। अमेरिका ने इरान के तीन परमाणू ठिकानों पर हमला कर दिया है, यानि कि पंधरा दिन से पहले अमेरिका इरान युध में शामिल हो गया है। अलागि ट्रम्प ने इस एलान के बाद ये कहा कि अब हमें शान्ती को मौका देना चाहिए। मगर आप जानते हैं दोस्तों, इरान इसे बख्शने नहीं वाला है। इरान ने पहले ही चेतावनी दी थी अमेरिका को, कहा था कि अगर तुम युध में शामिल होगे और अगर तुमने बुरी नजर डाली हमारे परमाणू ठिकानों पर, तो इसका तुम्हें खमयाजा भुगतना पड़ेगा। इस वक्त इससे बड़ी खबर कोई नहीं हो सकती
बी टू बॉमबर्सWill Iran attack US
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सारे प्लेइन अब इरान की एर स्पेस से बाहर निकल चुके हैं। फोर्डो, जो की मुख्य ठिकाना था, उस पर बमो की पूरी बारिश की गई। हमारे सारे फाइटर जेट्स अब सुरक्षित तरीके से वापस लोट रहे हैं। ल जजीरा इस बात का एलान करता है रभूसी तरफ, अमरीकी न्यूज चानल एबीसी में इस बात को लेकर बहस शुरू हो जाती है कि क्या वाकई ये हमला करना चाहिए था। क्योंकि बकॉल एबीसी न्यूज अब ट्रम्प की पार्टी के अंदर के लोग इस पर सवाल उठाने वाले हैं, इसके परणाम होंगे और कहीं न कहीं मैं उम्मीद कर रहा हूं कि इरान अपनी तरफ से क्या जवाबी कारवाई करेगा, ट्रम्प इसके लिए भी तयार होने वाले हैं। हो सकता है कि जब तक मेरा एक आरकरम सामने आएं, इरान इसका जवाब भी दे चुका हो। सही सुना आपने दोस्तों, इरान इसका जवाब भी दे चुका हो। |
आज सुबह अमेरिकी राश्पती डॉनल्ड ट्रम्प ने इस बात का एलान किया। यानि कि एक बात सपश्च है कि बी टू बॉमबर्स, जिसको लेकर मूव्मेंट लगातार हो रही थी, वो बी टू बॉमबर्स इसी बड़े हमले के लिए थी। सबसे पहले मैं आपको बतलाना चाहता हूं कि अमेरिकी राश्पती डॉनल्ड ट्रम्प ने एलान किया:
30,000 पाउंड होता है. बी-टू बॉमवर्स |
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हर एक का वजन करीब 30,000 पाउंड होता है. बी-टू बॉमवर्स की ये हलचल ऐसे वक्त हो रही है जब ट्रम्प पिछले हफ्ते का ज्यादातर वक्त सिच्वेशन रूम में हमले की प्लानिंग पर चर्चा करते हुए और अधिकारियों से हर उप्शन के नतीजों पर सवाल पूछते हुए बिता चुके हैं. ट्रम्प ने इशारा किया कि इरान पर सैन्य कारवाई को लेकर फैसला लेने के लिए जो दो हफ्ते की टाइमलाइन उन्होंने तै की है, वो अधिकतम समय है, यानि वो इससे पहले भी फैसला ले सकते हैं और ट्रम्प ने ये फैसला ले लिया. सही सुना आपने, ट्रम्प ने फैसला ले लिया क्योंकि दो हफ्ते का वक्त अधिकतम समय था और उससे पहले ही उन्होंने इरान के तीन नुकलियर ठिकानों पर हमला कर दिया. | |
ट्रम्प ने इरान के साथ युद की शुरुवात कर दी है और इस युद की शुरुवात के लिए उन्हें अमेरिकी संसद की मंजूरी की जरूरत थी और उन्होंने कॉंग्रेस से ऐसी कोई मंजूरी नहीं ली है. स्वाभाविक सी बात है ट्रम्प ने जो किया है वो सम्विधान के खिलाफ है और ट्रम्प को ऐसा नहीं करना चाहिए. अमेरिका के अंदर आवाजे उठ रही हैं. अमेरिका में कई लोग कह रहे हैं कि ट्रम्प एक आतंखवादी है. इस तरह की बाते की जा रही हैं और स्वाभाविक सी बात है दोस्तों ये ट्रम्प के लिए ठीक नहीं होने वाला है. और आप जानते हैं इस वक्त कौन सा देश किस देश की सबसे ज़ादा बेइजती होने वाली है? पाकिस्तान. क्या आप जानते हैं दोस्तों जैसा कि खबर कह रही है पाकिस्तान में डॉनल्ड ट्रम्प के नाम की सिफारिश नोबेल शांती पुरसकार के लिए किया था. सही सुना आपने दोस्तों. पाकिस्तान अमेरिका की चम्चाई कर रहा है. जबर्डस चाटुकारिता कर रहा है और उस चाटुकारिता में उसने तमाम हदों को पार कर दिया. ये करते हुए कि उसने डॉनल्ड ट्रम्प के नाम की सिफारिश नोबेल शांती पुरसकार के लिए कर दिया. |
नितन्याहू ने ये जंग सिर्फ इसलिए छेडी है ताकि उनकी अपनी जान बच सके, उनके खिलाफ जो भ्रस्टाचार के मामले थे ताकि वो जेल से दूर रह सकें। मगर अमरीका को इस जंग में शामिल नहीं होना चाहिए। स्वाभाविक सी बात है, ट्रम्प ने उनके मश्वरे को नजरंदास कर दिया।
निष्कर्ष
कि ट्रम्प ने इस बात से इंकार किया था। मगर ट्रम्प तो इस बात से भी इंकार कर रहे थे कि उन्हें इस युद्ध में शामिल होना चाहिए या नहीं होना चाहिए, मगर फिर उन्होंने तीन नुकलियर ठिकानों पर हमले कर दिये। इससे पूरे युद्ध का चेहरा जो है वो बदल गया है।