News in Hindi-भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के पोर्ट सिटी किंग डाउन

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के पोर्ट सिटी किंग डाउन में शंखाई सहयोग संगठन यानी कि एससीओ की बैठक में हिस्सा लिया और मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैन्य गतिरोध के बाद संबंधों में आए गंभीर तनाव के बाद किसी रक्षा मंत्री की ये पहली चीन की यात्रा है और इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद शांति और सुरक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ देश सीमा पर आतंकवाद को अपनी नीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

राइट टू डिफेंड अगेंस्ट टेररिज्म

उन्होंने कहा कि वो आतंकवादियों को पनाह देते हैं। कई तरह के दोहरे मापदंडों के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अप्रैल में हुए पहलगा मातंग के हमले के बाद यह तीखी प्रतिक्रिया दी है। ऑन 2 अप्रैल 2025 द टेरर ग्रुप द रेजिस्टेंस फ्रंट कैरीड आउट ए डस्टरली एंड हीनियस अटैक ऑन द इनोसेंट टूरिस्ट इन ह पहलगाम इन द इंडियन स्टेट ऑफ द जम्मू एंड कश्मीर 26 इनोसेंट सिविलियंस इंक्लूडिंग ए नेपाली नेशनल वेर किल्ड विक्टिम्स व सॉ आफ्टर एट आफ्टर दे वेयर प्रोफाइल्ड बेस्ड ऑन द रिलीजियस आइडेंटिटी द रेजिस्टेंस फ्रंट व्हिच इज अ प्रॉक्सीऑफ यूएन डेजनेटेड टेरर ग्रुप लशकर तबा क्लेम्ड रिस्पांसिबिलिटी फॉर द अटैक द पैटर्न ऑफ द पहलगाम टेरर अटैक मैचेस विद एलईटीस प्रीवियस टेरर अटैक्स इन इंडिया इन एक्सरसाइजिंग इट्स राइट टू डिफेंड अगेंस्ट टेररिज्म एंड प्री एज वेल एज डेटर फदर क्रॉस बॉर्डर टेररिस्ट अटैक्स इंडिया ऑन सेवथ मई 2025


सक्सेसफुली ल्च्ड ऑपरेशन सिंदूर टू डिस्मेंटल क्रॉस बॉर्डर टेररिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर वी रिटरेट द नीड टू होल्ड द परपिट्रेटर्स ऑर्गेनाइजर्स फाइनेंसियल फाइनेंसियल एंड स्पोंसर्स ऑफ रिप्रीहेंसिबल एक्ट्स ऑफ टेररिज्म इंक्लूडिंग क्रॉस बॉर्डर टेररिज्मअकाउंटेबल एंड ब्रिंग देम टू जस्टिस।
एनी एक्ट्स ऑफ़ टेररिज्म आर क्रिमिनल एंड अनजस्टिफिएबल रिगार्डलेस ऑफ़ देयर मोटिवेशन व्हेनएवर वेयरवर एंड बाय हुम सो वी वर कमिटेड। यशो मेंबर्स मस्ट कंडेम दिस इविल अन्वकली। हमारे संवाददाता सुमित चौधरी इस खबर पर हमारे साथ जुड़ गए हैं। सुमित एक बहुत बड़ा डिसीजन लिया गया कि साझा बयान जो है उस पर साइन करने से इंकार किया गया। क्या ये एक स्ट्रांग एक्शन है और क्यों ऐसा किया गया और रक्षा मंत्री की जो स्पीच रही क्या वो पाकिस्तान को खुला संदेश इस बड़े मंच पर
   

जिसमें टेररिज्म का जिक्र ना हो उसको साइन करने से मना किया गया और राजनाथ सिंह ने बहुत स्पेसिफिकली अगर आप सुने तो उन्होंने साफ तौर पर ये भी बता दिया कि देखिए टेररिज्म और शांति दोनों साथ नहीं चल सकती। अगर आपको शांति चाहिए तो आपको टेररिज्म को खत्म करना पड़ेगा और एसइओ को साथ आना पड़ेगा। दरअसल एसइओ का जो आप कह सकते हैं उसकी स्थापना कह सकते हैं या फिर जो उसकी नीव है वो यही है कि कैसे एसइओ जो देश हैं शघाई कोपरेशन के अंदर मिलकर अपने अपने इकोनॉमिक अपने पॉलिटिकल अपने आप सिक्योरिटी पॉइंट ऑफ व्यू से एक साथ आकेखड़े हो सकते हैं।

एक साथ कोऑपरेशन कर सकते हैं। ये दरअसल वेस्ट के कई जो बड़े ग्रुप्स हैं या फिर आप कह सकते हैं कि जो उनके रीजनल ग्रुप्स हैं उनको काउंटर करने के लिए इसकी स्थापना हुई थी। लेकिन राजनाथ सिंह ने आज अपने बयानों में, अपनी स्टेटमेंट में जाहिर कर दिया कि जब तक जब तक टेररिज्म के खात्मा नहीं होगा, जब तक रेडिकलाइजेशन का खात्मा नहीं होगा, जब तक लगातार एक दूसरे के इलाकों में जाकर या क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का खात्मा नहीं होगा, तब तक बातचीत फीस की बातचीत बिल्कुल गलत है।

निष्कर्ष

 

पहलगांव के अंदर जिस तरीके से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया गया। हमारे इनोसेंट लोगों को मारा गया जिसमें एक नेपाल के नेशनल को भी मारा गया। उसे साफ दर्शाता है कि उनके रीजन को पूछकर उनको स्पेसिफिक उनकी उनकी उनकी उनकी आइडेंटिटी को पूछकर उनको मारा गया तो साफ दर्शाता है कि कैसे आतंकी संगठन लगातार काम कर रहे हैं और ये सीधा निशाना था ना सिर्फ पाकिस्तान पर जो लगातार इनके लिए एक एपिसेंटर बना और चीन को लेकर भी कि चीन हमेशा पाकिस्तान को जिस तरीके से सपोर्ट करता है ये मैसेजिंग दोनों के लिए थी राजीव हम लेकिन क्या

 

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